ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी। EV Battery Swapping Policy in hindi

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ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (EV Battery Swapping Policy in hindi)

परिचय

भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने और इसे अपनाने की दिशा में आ रही मूलभूत समस्याओं जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी को चार्जिंग में लगने वाले समय, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए स्थान की कमी और ईवी के शुरुआती कीमत से निपटने के लिए बजट 2022-2023 में, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बैटरी स्वैपिंग नीति (Battery swapping policy) और इंटरऑपरेबिलिटी मानकों को पेश करने की योजना की घोषणा की थी।

अब नीति आयोग ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट पेश किया है और 5 जून 2022 तक लोगों के सुझाव मांगे हैं, ताकि इस पॉलिसी की खामियों को दूर किया जा सके। ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (EV Battery swapping policy) लागू होने से बैटरी-स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रभावी, कुशल, विश्वसनीय, सुरक्षित और ग्राहक-अनुकूल कार्यान्वयन को सक्षम करने तथा बैटरी स्वैपिंग इको सिस्टम को पूरा करने के लिए आवश्यक टेक्निकल और ऑपरेशनल रिक्वायरमेंट (Operational requirement) को निर्धारित करने में मदद मिलेगी।

यह ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी क्या है, पॉलिसी कैसे काम करेगी, पॉलिसी के उद्देश्य क्या हैं, इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल को कैसे बढ़ावा मिलेगा, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन कैसे लगा सकते हैं और इस बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से जुड़े सभी सवालों के जवाब आइए विस्तार से समझते हैं-

ईवी बैटरी स्वैपिंग क्या है (Battery Swapping kya hai) ?

ईवी बैटरी स्वैपिंग, बैटरी चार्जिंग का एक अच्छा विकल्प है जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के डिस्चार्ज बैटरी को बैटरी स्वैपिंग स्टेशन में चार्ज की हुई बैटरी से बदल सकते हैं, यह ठीक वैसा ही है जैसा कि आप एलपीजी सिलेंडर के खाली होने पर खाली सिलेंडर को गैस एजेंसी में जाकर भरे हुए सिलेंडर से बदल देते हैं। जिन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बैटरियों की अदला बदली (Battery Swapping) हो सकती है उनकी बिक्री बिना बैटरी के हो सकेगी जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के शुरुआती कीमत होगी। चार्जिंग टाइम और चार्जिंग स्टेशनों में स्थान की कमी को दूर किया जा सकेगा।

EV battery swapping policy in hindi
फोटो: नीति आयोग

बैटरी स्वैपिंग बैटरी को अलग से चार्ज करने के लिए सुविधा प्रदान प्रदान करता है। यह चार्जिंग और बैटरी उपयोग को डी-लिंक करता है और इलेक्ट्रिक व्हीकल के डाउनटाइम को कम करके ऑपरेशनल मोड को बढ़ाता है।

चार्जिंग स्टेशनों को अधिक स्थान की आवश्यकता होती है, क्योंकि चार्जिंग प्रक्रिया के दौरान वाहनों को चार्जर के बगल में पार्क करने की आवश्यकता होती है। बैटरी स्वैपिंग स्टेशन में एक दूसरे के ऊपर कई बैटरियों को एक साथ रख सकते हैं, जिससे सीमित पार्किंग की आवश्यकता होती है, ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (EV Battery Swapping Policy in hindi) से शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को दूर किया जा सकेगा।

ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी में शुरुआत में ज्यादा डिमांड वाले हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे 2 व्हीलर और 3 व्हीलर के लिए बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क स्थापित करने में ज्यादा जोर रहेगा। आने वाले समय में 4 व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क स्थापित किए जाएंगे। यह नीति इसकी सार्वजनिक अधिसूचना की तारीख से 31 मार्च 2025 तक वैध होगी, और उसके बाद समीक्षा की जाएगी और इसे बढ़ाया जाएगा।

पहले चरण में 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरीय शहरों (2011 की जनगणना के अनुसार) को बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क (Battery wapping network) के विकास के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।

2डब्ल्यू और 3डब्ल्यू के महत्व को देखते हुए दूसरे चरण के तहत राज्य की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय और 5 लाख से अधिक आबादी वाले सभी प्रमुख शहरों (2011 की जनगणना के अनुसार) को कवर किया जाएगा।

ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं: (Objectives of battery swapping policy)

यह नीति BaaS बिजनेस मॉडल के माध्यम से कार्यान्वित बैटरी स्वैपिंग तकनीक को अपनाने के विज़न का समर्थन करेगी जो कम अग्रिम लागत, न्यूनतम डाउनटाइम और कम स्थान की आवश्यकताओं को सुनिश्चित करेगी। यह नीति प्रमुख तकनीकी, नियामक, संस्थागत और वित्तीय चुनौतियों का समाधान करती है जो भारत में बड़े पैमाने पर बैटरी स्वैपिंग को अपनाने के लिए बैटरी-स्वैपिंग इको सिस्टम को विकसित करने में मदद करेगी।

  • इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की अग्रिम लागत से बैटरी लागत को कम करने के लिए “एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल” (ACC) बैटरियों के साथ बैटरियों की अदला-बदली (Battery swapping) को बढ़ावा देना, जिससे ईवी अपनाने को बढ़ावा मिले सके।
  • बैटरी चार्जिंग सुविधाओं के विकल्प के रूप में बैटरी स्वैपिंग के विकास को बढ़ावा देकर ईवी उपयोगकर्ताओं को लचीलापन प्रदान किया जा सके। जिससे पैसा और समय की बर्बादी न हो, बैटरी चार्जिंग के दौरान किसी भी संभावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
  • बाजार के नेतृत्व वाले इनोवेशन को बाधित किए बिना बैटरी स्वैपिंग पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर घटकों की अंतःक्रियाशीलता को सक्षम बनाना। मतलब बैटरी स्वैपिंग तकनीक का इस तरह विकास किया जा सके, जिससे अलग-अलग कंपनियों के बैटरी और उसके कंपोनेंट को दूसरे कंपनियों के संगत इलेक्ट्रिक व्हीकल में लगाया जा सके। 
  • बैटरी प्रदाताओं, बैटरी ओईएम (OEMs) और बीमा/वित्तपोषण(Financing) जैसे अन्य प्रासंगिक भागीदारों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहित करना, जिससे ईवी उपयोगकर्ताओं को एकीकृत सेवाएं प्रदान करने में सक्षम इको सिस्टम के गठन को प्रोत्साहित किया जा सके।
  • बैटरियों के बेहतर जीवनचक्र प्रबंधन (Lifecycle management) को बढ़ावा देना, जिसमें बैटरी के जीवनकाल के दौरान बैटरियों के उपयोग को बढ़ाना, और जीवन के अंत में बैटरी रीसाइक्लिंग करना शामिल है।

बैटरी और स्वैपिंग स्टेशन विशिष्ट पहचान संख्या (UIN)

बैटरी के पूरे जीवनचक्र में, ट्रैसेबिलिटी को लागू करने के लिए, ईवी बैटरियों की ट्रैकिंग और निगरानी के लिए मैन्युफैक्चरिंग के साथ ही एक “यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर” (UIN) दी जाएगी। इसी तरह, प्रत्येक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन को भी एक UIN नंबर दिया जाएगा।

बैटरी के आवश्यक तकनीकी डेटा को निर्माण स्तर पर बैटरी पैक के UIN के साथ ओईएम (OEMs) द्वारा मैप किया जाएगा। बैटरी स्वैपिंग ऑपरेटर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उपयोग के दौरान UIN के मदद से बैटरी के उपयोग इतिहास (Uses history) और आवश्यक परफारमेंस डेटा को स्टोर कर सकेंगे, और पूरे जीवनचक्र के दौरान EV बैटरी की ट्रेसबिलिटी को सुविधाजनक बनाने के लिए डेटा को बनाए रखा जाना चाहिए।

बैटरी स्वैपिंग कंपोनेंट के लिए टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन

बैटरियों को, ट्रैक्शन बैटरी पैक की सुरक्षा के लिए एआईएस 156 (2020) और AIS 038 Rivision 2 (2020) मानकों के अनुसार परीक्षण और प्रमाणित किया जाएगा, साथ ही अतिरिक्त परीक्षण जो स्वैपेबल बैटरियों के लिए निर्धारित किए जा सकते हैं जो कनेक्टर्स पर मल्टीपल कपलिंग/डिकॉउलिंग प्रक्रिया के अधीन हैं।

विद्युत इंटरफ़ेस पर उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, किसी भी डिइलेक्ट्रिक, आर्क फिनामिना, या विद्युत इंटरफ़ेस पर किसी भी अवांछित तापमान वृद्धि से बचने के लिए एक मजबूत/कठोर परीक्षण प्रोटोकॉल अपनाया जाएगा। बैटरी का बीएमएस स्व-प्रमाणित होना चाहिए और परीक्षण के लिए खुला होना चाहिए ताकि विभिन्न प्रणालियों के साथ इसकी संयोजन क्षमता और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता की जांच की जा सके।

संगत नियामक मानकों के अनुसार संगत इलेक्ट्रिक वाहनों का परीक्षण किया जाएगा। स्वैपेबल बैटरी कार्यात्मकता वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए, वाहन ओईएम को अपने वाहनों के लिए इंटरऑपरेबल स्वैपेबल बैटरी स्वीकार करने के लिए ARAI (Automotive Research Association of India) से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

बैटरी स्वैपिंग स्टेशन कौन लगा सकता है?

कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी भी स्थान पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए स्वतंत्र है, बशर्ते कि निर्दिष्ट तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन किया जाता है।

स्वैपिंग सेवाओं को स्थापित करने के लिए सर्टिफाइड बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों का उपयोग किया जाना चाहिए, इसमें एक या अधिक प्रकार के सर्टिफाइड बैटरी पैक हो सकते हैं।

सभी बैटरी स्वैपिंग स्टेशन को कम से कम एक व्हीकल सेगमेंट (ई-2 व्हीलर, ई-3 व्हीलर, LCV आदि) में काम करना चाहिए, और प्रत्येक Battery swapping station (BSS) को कम से कम दो ईवी ओईएम (OEMs) की सर्विस देनी चाहिए।

उपयोगकर्ताओं के आसानी और उपयोगिता के आधार पर, बैटरी स्वैपिंग सेवाएं विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध होनी चाहिए। इसमें पेट्रोल पंप, सार्वजनिक पार्किंग एरिया, किराना दुकानें और सामान्य स्टोर, मॉल, और कोई भी अन्य स्थान जहां सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराए जा सकते हैं, शामिल हैं।

स्वैपेबल बैटरी वाले वाहनों का पंजीकरण (Swappable battery vehicle registration)

MoRTH परिपत्र RT-11036/72/2017 के अनुसार, बिना बैटरी वाले वाहनों को एक मान्यता प्राप्त परीक्षण एजेंसी द्वारा जारी किए गए अप्रूवल सर्टिफिकेट के प्रकार के आधार पर बिना बैटरी के मेक / टाइप या किसी अन्य विवरण को निर्दिष्ट करने की आवश्यकता के बिना पंजीकृत किया जा सकता है। किसी भी प्रमाणित बैटरी का उपयोग करते समय वाहन पंजीकरण की वैधता सुनिश्चित करने के लिए, स्वैपेबल बैटरी वाले किसी भी वाहन को बैटरी विवरण के संदर्भ के बिना पंजीकृत किया जाना चाहिए।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन विभागों को आरटीओ में स्वैपेबल बैटरी वाले वाहनों के पंजीकरण को कारगर बनाने के लिए प्रक्रियाएं स्थापित कर सकते हैं।

ईवी बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (EV battery swapping policy in hindi) के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • नीति केवल “एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल” (एसीसी) का उपयोग करने वाली बैटरियों का समर्थन करेगी, जिनका प्रदर्शन FAME-II योजना के तहत समर्थित EV बैटरियों के समकक्ष या बेहतर है। इस नीति के तहत पात्र बैटरियों के लिए अतिरिक्त विनिर्देश या मानक समय-समय पर प्रासंगिक नीतियों और व्यवहार में योजनाओं के आधार पर लागू किए जाएंगे।
  • कुशल बैटरी निगरानी, ​​डेटा विश्लेषण और सुरक्षा के लिए, इस नीति के तहत शामिल बैटरियों का बीएमएस (Battery management system) सक्षम होना आवश्यक है। निर्माता यह सुनिश्चित करेगा कि बैटरी को थर्मल रनवे जैसी स्थितियों से बचाने के लिए उपयुक्त बीएमएस मौजूद है।
  • बैटरी सुरक्षा और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, स्वैपेबल बैटरी उन्नत सुविधाओं जैसे IoT (Inetrnet of things) आधारित बैटरी मॉनिटरिंग सिस्टम, रिमोट मॉनिटरिंग और इमोबिलाइजेशन क्षमताओं और अन्य आवश्यक नियंत्रण सुविधाओं से लैस होगी।
  • बैटरी स्वैपिंग की कोशिश के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को समर्थन करने के लिए, बैटरी पैक आयामों, चार्जिंग कनेक्टर, आदि के संबंध में बैटरी के लिए अतिरिक्त मानकों और विशिष्टताओं को समय के साथ अधिसूचित किया जाएगा, और उद्योग हितधारकों के साथ परामर्श किया जाएगा।
  • डेटा की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (प्रोटोकॉल, टेक्नोलॉजी) के मानकों को अपनाया जाना चाहिए। बैटरी और व्हीकल कंट्रोलर, बैटरी और चार्जर, बैटरी और ऊर्जा ऑपरेटर सर्वर के बीच कम्युनिकेशन के मानकों को BIS (Beuro of India Standards) द्वारा परिभाषित या अनुमोदित किया जाएगा। 
  • बैटरी स्वैपिंग इकोसिस्टम में “बैक-एंड” इंटरऑपरेबिलिटी को प्रोत्साहित करने के लिए, OCPP जैसे एक ओपन स्टैंडर्ड कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल को अपनाया जा सकता है, जिसे नेटवर्क के स्विचिंग की अनुमति देनी चाहिए।
  • बैटरी स्वास्थ्य और प्रदर्शन पर बेहतर जानकारी प्रदान करने के लिए, और पीयर-टू-पीयर रोमिंग नेटवर्क के माध्यम से उपभोक्ताओं को अधिक लचीलेपन (Flexibility) को सक्षम करने के लिए, प्रमुख बैटरी प्रोवाइडर्स के बीच डेटा साझाकरण समझौतों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • बैटरी प्रोवाइडर्स द्वारा निरंतर आधार पर ट्रैक की जाने वाली जानकारी को परिभाषित किया जाएगा और निर्दिष्ट नोडल सरकारी प्राधिकरण किसी भी समय इसे एक्सेस कर सकते हैं।
  • सभी बैटरी स्वैपिंग स्टेशन में बैटरी की उपलब्धता, बैटरी के प्रकार, अनुकूलता और प्रदर्शन के बारे में उपभोक्ता तक पहुंच और बैटरी स्वैपिंग सेवाओं के उपयोग में आसानी के लिए सूचना, बैटरी प्रदाताओं द्वारा एक मानक प्रारूप में खुले तौर पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

इलेक्ट्रिक व्हीकल पारंपरिक रूप से “फिक्स्ड” बैटरी के साथ खरीदे जाते हैं, जिन्हें केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ ही चार्ज किया जा सकता है। आईसीई (Internal Combustion Engine) वाहनों के लिए फ्यूल स्टेशनों की तरह, पर्याप्त, किफायती, सुलभ, और बड़े पैमाने पर ईवी को अपनाने के लिए एक विश्वसनीय चार्जिंग नेटवर्क अत्यंत आवश्यक है। 

बैटरी स्वैपिंग एक विश्वसनीय चार्जिंग नेटवर्क साबित हो सकता है। बैटरी स्वैपिंग से इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी को चार्जिंग में लगने वाले समय की बचत होगी, बैटरी चार्जिंग और रेंज की चिंताओं से छुटकारा मिलेगा। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल की शुरुआती कीमत भी कम हो जाएगी और ईवी चार्जिंग स्टेशन की तुलना में बैटरी स्वैपिंग स्टेशन में कम स्थान की जरूरत होती है, जिससे शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी समस्या से कम हो सकता है।

 बैटरी में आग लग लगने या संभावित दुर्घटनाओं को देखते हुए इस पॉलिसी (EV battery swapping policy in hindi) में उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत/कठोर परीक्षण प्रोटोकॉल अपनाया जाएगा। बैटरियों में सुरक्षा सुनिश्चित होने पर इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रति उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा और ईवी एडॉप्शन को बढ़ावा मिलेगा।

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